ऋण की अधिकतम सीमा
सदस्य के लिये ऋण की अधिकतम सीमा 5,00,000/- रूपये तक रहेगी अत: सदस्य के ऋण आवेदन पत्र पर 5,00,000/- रूपये से ज्यादा के ऋण की स्वीकृति नहीं दी जायेगी
सदस्य के लिये ऋण की अधिकतम सीमा 5,00,000/- रूपये तक रहेगी अत: सदस्य के ऋण आवेदन पत्र पर 5,00,000/- रूपये से ज्यादा के ऋण की स्वीकृति नहीं दी जायेगी
सभी सदस्यों को सूचित किया जाता हैं कि आयकर की धारा 269SS और 269T के तहत सदस्य एक वित्तीय वर्ष में केवल 20,000/- रूपये तक ही नकद राशि अपने खाते में शेयर/आवश्यक धरोहर/ऐच्छिक धरोहर/सावधि धरोहर/ऋण की क़िस्त व ब्याज की अदायगी इत्यादि के लिये जमा कर सकते हैं I एक वित्तीय वर्ष में सदस्य द्वारा कुल नकद जमा किये गये 20,000/- रूपये के अतिरिक्त/ज्यादा की जमा/ऋण अदायगी अकाउंट पेई चैक,मोबाइल बैंकिंग या नेट बैंकिंग के माध्यम से ही स्वीकार की जायेंगी I
जमा स्वीकार करने के लिए अधिकृत संस्थाओं की सूची नीचे तालिका में दी गई हैं:
| क्रम संख्या | वर्ग | नियामक | अतिरिक्त टिप्पणियां |
| 1 | वाणिज्यिक और सहकारी बैंक | भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) | सभी वाणिज्यिक और सहकारी बैंक जमा राशि स्वीकार कर सकते हैं। |
| 2 | गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) | भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) | केवल कुछ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां एक निश्चित सीमा तक जमा स्वीकार करने के लिए अधिकृत हैं (पूरी सूची देखने के लिए यहां क्लिक करें) |
| 3 | आवास वित्त कंपनियां (एचएफसी) | राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) | केवल कुछ एचएफसी जमा स्वीकार करने के लिए अधिकृत हैं (पूरी सूची देखने के लिए यहां क्लिक करें) |
| 4 | अन्य कंपनियां | कारपोरेट मामलों का मंत्रालय (एमसीए) | कंपनी (जमा की स्वीकृति) नियम, 2014 के तहत केवल पात्र कंपनियां एक निश्चित सीमा तक जमा स्वीकार करने के लिए अधिकृत है (जिन कंपनियों ने जमा स्वीकार करने के लिए एमसीए साथ विज्ञापन दायर किया है उनकी सूची देखने के लिए यहां क्लिक करें)। |
| 5 | सहकारी ऋण समितियां | सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार (आरसीएस) | केवल मतदान करने वाले अपने सदस्यों से जमा स्वीकार कर सकते हैं। |
| 6 | मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी | सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार | केवल मतदान करने वाले अपने सदस्यों से जमा स्वीकार कर सकते हैं। |
अन्य संस्थाओं को सार्वजनिक जमा स्वीकार करने की कानूनी रूप से अनुमति नहीं है।
नहीं। यह अपने उप नियमों के तहत निर्धारित सीमा तक ही सिर्फ अपने सदस्यों से जमाराशियां स्वीकार कर सकती हैं। वे नाममात्र / सहयोगी सदस्यों / आम जनता से जमा स्वीकार नहीं कर सकते।